Thursday, August 4, 2016

UP : डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटीज पी.सी.एस. अजय गुप्ता पर भ्रष्टाचार,आपराधिक षड्यंत्र और फर्जीबाड़े का आरोप.








लखनऊ/04 अगस्त 2016 ..........

फर्म्स,सोसाइटीज एवं चिट्स के लखनऊ मंडल कार्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता पर अन्य व्यक्तियों के साथ एकराय होकर आपराधिक षड्यंत्र करने, भ्रष्टाचार करने और सरकारी आदेश में फर्जीबाड़ा करने के गंभीर आरोप लगे हैं. अजय गुप्ता पर यह आरोप लगाने वाले एनजीओ येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा ने हजरतगंज थाने द्वारा अजय गुप्ता व अन्य दो व्यक्तिओं के विरुद्ध एफ.आई.आर. लिखाने की तहरीर लेने से इनकार करने के बाद उर्वशी ने अपनी तहरीर स्पीड पोस्ट के माध्यम से लखनऊ के एस.एस.पी. को भेज दी है.




बताते चलें कि लखनऊ मंडल के डिप्टी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता ने बीते 02 अगस्त को  एक पत्र जारी कर येश्वर्याज सेवा संस्थान का पंजीकरण निरस्त किये जाने का आदेश प्रदान करते हुए संस्थान की सचिउर्वशी शर्मा पर फर्जी मनगढंत और कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर संस्था का पंजीकरण कराने का आरोप सिद्ध किया  है. अजय गुप्ता ने संस्था के एक सदस्य प्रेम सागर के एक शपथ-पत्र और संस्था कार्यालय में उपस्थित होकर दिए गए बयान के आधार पर अवधारित किया है कि संस्था की सचिव उर्वशी शर्मा ने फर्जी मनगढंत और कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर संस्था का पंजीकरण कराया है.



उर्वशी शर्मा ने बताया कि उनका संगठन लोकजीवन में पारदर्शिता,जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में विगत 16 वर्षों से कार्यशील है l बकौल उर्वशी अजय गुप्ता ने लखनऊ निवासी महेंद्र अग्रवाल और बरेली निवासी प्रेमिसागर ( संस्था के पूर्व सदस्य ) के साथ मिलकर उनकी और उनकी संस्था के खिलाफ एक आपराधिक षड्यंत्र किया है l उर्वशी ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया है कि अजय गुप्ता  ने  भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए उनकी और उसकी संस्था येश्वर्याज सेवा संस्थान को क्षति कारित करने के दुरुद्देश्य से और उनकी और उनकी संस्था की ख्याति को अपहानि पंहुचाने के आशय से कूटरचित आदेश जारी किया है l बकौल उर्वशी अजय गुप्ता ने इस आदेश के दूसरे पेज के अंतिम प्रस्तर में लिखा है संस्था के मूल अभिलेख खो जाने के सम्बन्ध में भी संस्था के प्रबंधक/सचिव द्वारा कोई विधिक कार्यवाही नहीं की गई और न ही उनके द्वारा इस सम्बन्ध में सम्बंधित थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज करायी गयीजबकि उन्होंने बीते 02 जून को ही अजय गुप्ता को एक शपथ पत्र देकर स्पष्ट किया था कि उनके ग्राम लौंगपुर, तहसील फरीदपुर, जिला बरेली स्थित पैत्रक आवास , जहाँ  संस्था के समस्त अभिलेख रखे थे, पर कुछ लोगों ने अवैध कब्ज़ा कर लिया था जिसका वाद साल 2015 से ही न्यायालय सिविल जज (जू.डि.) फरीदपुर बरेली में प्रचलित है और घर में चोरी के सम्बन्ध में विधिक कार्यवाही हेतु साल 2015 के 16 जून को एक पत्र बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को उनके परिवारी जनों द्वारा भेजा गया था l उर्वशी की तहरीर के अनुसार चोरी के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विधिक कार्यवाही हेतु उन्होंने लखनऊ से एक पत्र साल 2015 के 26 जून को थाना फरीदपुर के थानाध्यक्ष को से और एक पत्र साल 2015 के 06 जुलाई को बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजा था l उर्वशी के अनुसार इन दोनों पत्रों की नोटरी से सत्यापित प्रतियाँ उन्होंने खुद अजय गुप्ता को बीते 02 जून को जांच के दौरान हाथ में दीं थीं l  बकौल उर्वशी उनके पैत्रक आवास में हुई  इस चोरी के सम्बन्ध में उनके परिवारीजनों द्वारा थाना फरीदपुर में आई.पी.सी. की धारा 323 और 448 के अंतर्गत दर्ज कराए गए प्रकरण अपराध संख्या 0291 दिनांक 06-07-2015 की 3 पेज की छायाप्रति  भी अजय गुप्ता को दी गयी थी पर उनके पैत्रक आवास में हुई चोरी के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हो जाने और आवास पर किये गए कब्जे का मामला न्यायालय में लंबित होने के प्रमाण दिए जाने पर भी अजय गुप्ता ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए उन को और उनकी  संस्था येश्वर्याज सेवा संस्थान को क्षति कारित करने के दुरुद्देश्य से और उनकी  व उनकी  संस्था की ख्याति को अपहानि पंहुचाने के आशय से कूटरचित आदेश जारी करने के संज्ञेय अपराध कारित किया है l



उर्वशी ने बताया कि वे कल शाम तहरीर देने थाना  हजरतगंज गयी थी किन्तु न तो उनको पीली पर्ची दी गयी और न ही उनका प्रार्थना पत्र लिया गया अतः अब उन्होंने थानाध्यक्ष को संबोधित अपने मूल प्रार्थना पत्र को संलग्नकों सहित सीआरपीसी की धारा 154(3) के अंतर्गत  एस.एस.पी को भेजते हुए  अनुरोध  किया है  अजय गुप्ता, महेंद्र अग्रवाल और प्रेमि सागर आदि द्वारा एकराय होकर आपराधिक षड्यंत्र कर कारित किये गए संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट आई.पी.सी. की सुसंगत धाराओं में दर्ज कर दर्ज कर विधिक कार्यवाही कराएं और प्रथम सूचना रिपोर्ट की एक प्रति  उनको भी दें l




उर्वशी ने बताया कि हजरतगंज के थानाध्यक्ष पर उच्चतम न्यायालय द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार { W.P.(Crl) No;68/2008 } के सम्बन्ध में पारित आदेश के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उन्होंने कानून का अनुपालन करने के लिए  थाना प्रभारी को भी दण्डित करने का अनुरोध किया है l


Wednesday, August 3, 2016

भ्रष्टों ने कराया येश्वर्याज सेवा संस्थान का पजीकरण निरस्त !





येश्वर्याज की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से प्रभावित व्यक्तियों ने फर्जी शिकायतों करा भ्रष्ट डिप्टी सोसाइटी रजिस्ट्रार  अजय गुप्ता से कराया सचिव उर्वशी शर्मा पर फर्जी मनगढंत और कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर संस्था का पंजीकरण करने का आरोप सिद्ध ! 

लखनऊ/03 अगस्त 2016..........
उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार विरोध का पर्याय बनी संस्था ‘येश्वर्याज सेवा संस्थान’ और इसकी तेजतर्रार सचिव और समाजसेविका उर्वशी शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचारियों ने एकजुट होकर आखिर दांव चल ही दिया है. लखनऊ मंडल के डिप्टी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता ने 02 अगस्त को एक पत्र जारी कर येश्वर्याज सेवा संस्थान का पंजीकरण निरस्त किये जाने का आदेश प्रदान करते हुए संस्थान की सचिब उर्वशी शर्मा पर फर्जी मनगढंत और कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर संस्था का पंजीकरण कराने का आरोप सिद्ध कर दिया है.


अजय गुप्ता ने संस्था के एक सदस्य प्रेम सागर के एक शपथ-पत्र और संस्था कार्यालय में उपस्थित होकर दिए गए बयान के आधार पर अवधारित किया है कि संस्था की सचिव उर्वशी शर्मा ने फर्जी मनगढंत और कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर संस्था का पंजीकरण कराया है.


इस वारे में बात करते हुए उर्वशी ने बताया कि उनकी संस्था की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से प्रभावित व्यक्तियों ने भ्रष्ट आई.ए.एस. सुनील कुमार के दलाल महेंद्र अग्रवाल के माध्यम से पहले तो संस्था को ब्लैकमेल करना चाहा पर  जब संस्था ब्लैकमेल नहीं हुई तो संस्था को बदनाम करने के उद्देश्य से संस्था के विरुद्ध फर्जी शिकायतें करना शुरू कर दिया. उर्वशी ने बताया कि आपराधिक मानसिकता के महेंद्र अग्रवाल के खिलाफ उन्होंने थाना हजरतगंज में मुकद्दमा भी दर्ज कराया है जिसमें महेंद्र अग्रवाल के खिलाफ चार्ज-शीट न्यायालय भेजी जा चुकी है.


उर्वशी ने आरोप लगाया कि महेंद्र अग्रवाल ने आपराधिक मानसिकता के तहत पहले उनकी संस्था के सदस्यों  से मिलकर उनके पैत्रक निवास में चोरी कराकर संस्था के अभिलेख चोरी कराये और फिर संस्था के खिलाफ फर्जी मनगढंत और कूटरचित शिकायतें करना शुरू कर दिया. बकौल उर्वशी उनकी संस्था की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से प्रभावित व्यक्तियों ने एकजुट होकर न केवल संस्था के सदस्यों से झूंठे शपथ-पत्र और कथन दिलवाए अपितु भ्रष्ट डिप्टी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता को घूस खिलाकर मनमानी जांच कराई है.


उर्वशी ने बताया कि भ्रष्ट डिप्टी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता के पूर्व के काले इतिहास के चलते उन्होंने जांच-अधिकारी बदलने के लिए रजिस्ट्रार को कई पत्र दिए पर इन पत्रों का कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया है.  


फर्जी मनगढंत और कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर संस्था का पंजीकरण कराने की बात पर उर्वशी ने कहा कि उनकी संस्था का पंजीकरण रजिस्ट्रार के द्वारा पूर्ण संतुष्टि के बाद किया गया है. यही नहीं संस्था के सभी सदस्यों ने तदसमय के अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर अपने हस्ताक्षर किये थे अतः यह जांच विधिशून्य है.


उर्वशी ने कहा कि वे इस आदेश के विधिक पक्ष का विश्लेषण करा रही हैं और शीघ्र ही अजय गुप्ता के खिलाफ घूस खाकर विधिविरुद्ध रीति से आदेश जारी करने के अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराएंगी.